दुनिया कितनी सुन्दर है फिर क्यूँ है इतना क्लेश|मनमोहक लोग बनायेक्यूँ डाला उन मै द्वेष?
मन की दुविधा दूर करो प्रभुजीवन चक्र से विरक्तमोहजाल से मुक्त करो याकरो परम ज्ञान मै संयुक्त |