Tuesday, December 14, 2010


सुबह होती है श्याम होती है, ज़िन्दगी युही गुज़र जाती है| {Baba's words}

ज़िन्दगी के हर लम्हे को सजाना सीख लोगे तो,

ज़िन्दगी यूही आबाद हो जाती है |

{Additions by his grand daughter:) }